जोखिमों का न्यूनीकरण, उत्कृष्टता के पथ पर अग्रसर

विवेकपूर्ण जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क की स्थापना

हमारे प्रचालनों की प्रकृति ऐसी है कि आंतरिक और बाह्य जोखिमों के प्रति संवेदनशील बने रहते हैं। दीर्घावधि में मूल्य सृजन सुनिश्चित करने और खतरों से निपटने के लिए हमने एक व्यापक उद्यम जोखिम प्रबंधन (ईआरएम) फ्रेमवर्क लागू किया है।

जोखिमों को चिह्नित, प्रबंधित और मॉनिटर करने की अपनी क्षमता से हम दक्षतापूर्वक जोखिम न्यूनीकरण उपाय कर पाते हैं। ये उपाय को तेजी से बदलते व्यावसायिक परिवेश में हमारी प्रगति सुनिश्चित करने की दृष्टि से डिज़ाइन किए जाते हैं। हम बदलते जोखिम परिदृश्य के साथ तालमेल बैठाने के लिए अपने ईआरएम फ्रेमवर्क की नियमित रूप से समीक्षा करते हैं, और खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए रियल टाइम जानकारी का उपयोग करते हैं।

प्रमुख जोखिमों को चिह्नित करना और उन्हें कम करना

स्पर्धात्मक जोखिम

हम पर निजी कंपनियों की तरफ से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, तकनीकी प्रगति और बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं जैसे कारणों से स्पर्धात्मक जोखिम बना रहता है। ये चुनौतियां हमारी बाजार हिस्सेदारी, लाभप्रदता और उद्योग में बदलावों के अनुरूप ढलने की क्षमता को खतरे में डालती हैं। इससे हमारे लिए अपनी स्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने के लिए रणनीतिक पहले करना जरूरी हो जाता है।

न्यूनीकरण रणनीति

  • प्रचालन दक्षता, नवाचार और ग्राहक- केंद्रितता बढ़ाना।
  • अनुसंधान और विकास, प्रौद्योगिकी उन्नयन और प्रक्रिया अनुकूलन में निवेश करना।
  • रणनीतिक साझेदारी, सहयोग और गठबंधनों पर जोर देना।
  • बाज़ार की बदलती मांगों और ग्राहक की प्राथमिकताओं के अनुरूप निरंतर अनुकूलन करना।
  • स्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखना और सर्वोत्तम उत्पाद तथा सेवाएं पेश करना।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

उत्पाद प्रबंधन

ग्राहक संतुष्टि और ब्रांड की विश्वसनीयता

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

विनिर्मित पूंजी

मैक्रो-इकनॉमिक जोखिम

ऊर्जा क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी होने के रूप में, हमें कई मैक्रो-इकनॉमिक जोखिमों का सामना करना पड़ता है, जो हमारे प्रचालन और वित्तीय निष्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। एक बड़ा वृहद आर्थिक जोखिम वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों की अस्थिरता से जुड़ा है। भू-राजनीतिक तनाव, आपूर्ति-मांग में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक स्थिति जैसे कई आर्थिक पहलू हैं जो कीमतों में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं। इससे हमारी वित्तीय स्थिरता और आयोजना के सामने चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

न्यूनीकरण रणनीति

  • जोखिमों को ऑफसेट करने के लिए सुदृढ़ प्रचालन निष्पादन और दक्षता पर ध्यान देना।
  • आपूर्ति अनिश्चितताओं को न्यून करने के लिए कच्चे तेल के विविधीकृत स्रोत ।
  • लागत में बचत हासिल करने और अनुकूलन बढ़ाने के लिए प्रक्रिया नवाचारों का कार्यान्वयन ।
  • बाधा रहित ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समर्पित टीम और चैनल साझेदार |
  • ईंधन और ऊर्जा का उपभोग कम करने के लिए प्रचालन टीम जरूरी कदम उठाए, साथ ही मार्जिन और लाभप्रदता को बेहतर करने के लिए अन्य खर्चों को मॉनिटर करे।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

बाजार अस्थिरता

आर्थिक निष्पादन

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

विनिर्मित पूंजी

मुद्रा विनिमय जोखिम

हम कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और खरीद से जुड़े हैं, ऐसे में मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का जोखिम बना रहता है। विनिमय दरों में बदलाव आयात और निर्यात की लागत को प्रभावित करता है, जिसका असर हमारी लाभप्रदता पर पड़ता है। इसके अलावा, हमारे संसाधनों का एक उल्लेखनीय हिस्सा विदेशी मुद्रा में भी है और रुपये में मूल्यह्रास के कारण रुपया अतिरिक्त खर्च होता है।

न्यूनीकरण रणनीति

  • हमारी वित्त टीम व्यवसाय को प्रभावित करने वाले संभावित जोखिमों का पता लगाने के लिए मैक्रो और माइक्रो-इकनॉमिक परिवेश को निरंतर मॉनिटर करती है।
  • विनिमय दर और ब्याज दर में उतार-चढ़ाव का नियमित मूल्यांकन किया जाता है, और अनुमोदित नीतियों के अनुसार समुचित हेजिंग स्थितियां लागू की जाती हैं।
  • बाज़ार की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद लाभप्रदता में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए, निरंतर लागत नियंत्रण उपाय किए जाते हैं।
  • वित्तीय स्थिरता के लिए कम लागत वाले घरेलू और विदेशी मुद्रा उधार का उपयोग।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

बाजार अस्थिरता

आर्थिक निष्पादन

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

जलवायु परिवर्तन जोखिम

व्यापक रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कार्यों के कारण, हम वायु और जल प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय जोखिमों का सामना करते हैं। इसे न्यूनतम करने के लिए कार्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कड़े उपायों की जरूरत होती है। इसके अलावा, मौसम की घटनाओं के कारण हमारी आपूर्ति श्रृंखला और बुनियादी ढांचे में संभावित रुकावटें पैदा होती हैं और हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर संवेदनशील बने रहते हैं।

न्यूनीकरण रणनीति

  • पेट्रोल और डीजल में पूर्ण बीएस- अनुपालन हासिल हुआ, जिसने हरित और स्वच्छ पर्यावरण में योगदान दिया।
  • संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल कॉम्पैक्ट प्रोग्राम के सक्रिय साझेदार के रूप में संधारणीय विकास को लेकर प्रतिबद्धता।
  • सीओपी - 26 शिखर सम्मेलन में पंचामृत लक्ष्य घोषित किए गए। उनके हिस्से के रूप में 2070 तक भारत की शून्य कार्बन उत्सर्जन प्रतिबद्धता के अनुरूप, 2046 तक शून्य कार्बन प्रचालन उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य निर्धारित करना।
  • उत्सर्जन कम करने के लिए हरित हाइड्रोजन, जैव ईंधन, अक्षय ऊर्जा, इकोसिस्टम पुनर्स्थापन और कार्बन कैप्चर उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस) जैसे मार्गों से एक सुदृढ़ हरित एजेंडे पर चलना ।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण

पर्यावरणीय प्रभाव का प्रबंधन

उत्पाद प्रबंधन

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

प्राकृतिक पूंजी

सामाजिक और संबंध पूंजी

प्रतिभा जोखिम

हम प्रतिभा को आकर्षित करने और अपने यहां बनाए रखने, उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल अंतर और प्रमुख पदों के लिए उत्तराधिकार योजना जैसे मानव संसाधन जोखिमों का सामना करते हैं। ठीक ढंग से प्रबंधन न होने पर ये संगठनात्मक विकास और प्रचालनों में रुकावट डाल सकते हैं तथा दीर्घावधि स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं।

न्यूनीकरण रणनीति

  • स्वास्थ्य और सुरक्षा नियमों का अनुपालन तथा कठोर सुरक्षा प्रोटोकॉल का कार्यान्वयन ।
  • कार्यस्थल पर दुर्घटना जोखिम कम करने और कर्मचारी कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण।
  • कौशल, ज्ञान और क्षमताएं बढ़ाने के लिए कर्मचारियों के विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर ।
  • कौशल अप्रचलन का जोखिम कम करने के लिए कर्मचारी के विकास और करियर उन्नति में निवेश |
  • प्रतिभा जोखिम कम करने के लिए निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना ।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

स्वास्थ्य एवं सुरक्षा

कर्मचारी अनुशीलन

श्रम अधिकार और प्रतिधारण

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

मानव पूंजी

सूचना सुरक्षा जोखिम

हमारे प्रचालनों पर साइबर हमलों और डिजिटल कमजोरियों जैसी सूचना सुरक्षा क्षतियों के जोखिम बने रहते हैं, जो महत्वपूर्ण डेटा और प्रणालियों की गोपनीयता, अखंडता तथा उपलब्धता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

न्यूनीकरण रणनीति

  • एक रक्षा गहन साइबर सुरक्षा आर्किटेक्चर लागू करना।
  • एक सुदृढ़ और ठोस डेटा गोपनीयता नीति अपनाना।
  • सभी डेटा केंद्रों के लिए आई. एस. ओ 27001: 2013 प्रमाणन।
  • आंतरिक प्रक्रियाओं, ग्राहकों, साझेदारों और कर्मचारियों के संवेदनशील निजी डेटा की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता ।

प्रमुख समाधानीकृत विषय और प्रभावित पूंजी

प्रमुख समाधानीकृत विषय

ग्राहक संतोष और ब्रांड विश्वसनीयता

सुरक्षा पद्धतियां

प्रभावित पूंजियां

वित्तीय पूंजी

बौद्धिक पूंजी

मूल्य सृजन

दृष्टिकोण

हमारा मूल्य सृजन मॉडल, संधारणीय विकास और समाज पर सकारात्मक प्रभाव के सिद्धांतों पर निर्मित हो, यह सुनिश्चित करते हुए हम अपने देश और समाज के हितों को समग्र प्राथमिकता देते हैं। हमारा काम भारत में और दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करता है, ऐसे में हम इसके विपुल महत्व को समझते हैं।

ऊर्जा उद्योग में अग्रणी कंपनी के रूप में, हमने एक सुदृढ़ और संधारणीय व्यवसाय मॉडल विकसित किया है जो विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त आईआर फ्रेमवर्क और दिशानिर्देशों का पालन करता है। इस मॉडल में वे सभी महत्वपूर्ण तत्व हैं, जो हमारी मूल्य सृजन प्रक्रिया को प्रेरित करते हैं और अपने स्टेकहोल्डरों की ऊर्जा मांग पूरी करने में हमें सक्षम बनाते हैं। हमारे व्यवसाय मॉडल में जो कई इनपुट और आउटपुट हैं, उनकी परस्पर रणनीतिक क्रिया के चलते हम ऊर्जा समाधानों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान कर पाते हैं। इससे हमारे ग्राहक संतुष्ट होते हैं और हमारे संगठन में संधारणीय वृद्धि होती है। अपने प्रचालनों में परस्पर जुड़ी चीजों और जोखिमों का सजग प्रबंधन कर, हम निरंतर मूल्य सृजन कर रहे हैं और देश तथा बाहर ऊर्जा जरूरतों में योगदान दे रहे हैं।