वर्ष 2020-21 में इंडियनऑयल ने रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किा| वर्ष 2021-22 के दौरान हमने एक बार फिर सबसे ज्यादा राजस्व और नाया रिकॉर्ड शुद्ध मुनाफा कमाकर अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ा है|
अध्यक्ष, इंडियनऑयल
मुझे उम्मीद है कि आप सभी सकुशल होंगे|
आज जब मैं इंडियनऑयल की एकीकृत वार्षिक रिपोर्ट 2021-22 पेश कर रहा हूं, तो मुझे कंपनी की पहली वार्षिक रिपोर्ट याद आ रही है, जो 1960 में प्रकाशित हुई थी| उस साधारण रिपोर्ट में लिखा गा था, ‘पेट्रोलियम उत्पादों की (भारत में) बढ़ती मांग के अनुसार कंपनी ज़रूरी सुविधाएं बनाएगी‘| उस समय इंडियनऑयल के पास पेट्रोलियम भंडारण की क्षमता भी नहीं थी| उस नज़रिए से देखा जाए, तो कंपनी ने पिछले छह दशकों की यात्रा में हर चुनौती से पार पाते हुए देश को ऊर्जा देने के लिए बेहतरीन विकास और अटूट विश्वास दिया है|
हमारी टीमें कारोबार करने के लगातार नए कीर्तिमान रच रही हैं| देश ने हम पर जो भरोसा जताया है वह हमारे लिए बहुत संतोषजनक है| वर्ष 2021-22 में इंडियनऑयल ने रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किया| पिछले वर्ष हमने फिर सबसे ज्यादा राजस्व और नया रिकॉर्ड शुद्ध मुनाफा कमाकर अपने ही पिछले रिकॉर्ड को तोड़ा है| व्यवसाय में इस उत्कृष्ट सफलता से ‘न्यू इंडिया’ की सामाजिक-आर्थिक आकांक्षाओं को बढ़ावा देने की हमारी निरंतर कोशिशों की भी पुष्टि हो रही है| इसके लिए वाकई हम आपसे निरंतर मिल रहे समर्थन के प्रति दिल से आभारी हैं| यह हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है| उत्कृष्ट काम के संकल्प को और सुढृढ़ करता है|
इंडियनऑयल को गर्व है कि हम ‘भारत की ऊर्जा’ हैं| हमारी मजबूत वित्तीय स्थिति इस बात का प्रमाण है कि सभी बाधाओं को पार करके हम शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं| इतना ही नहीं, इंडिनऑल के प्रचालन से मिलने वाला राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 के दौरान 41 % से अधिक बढ़ा है| जबकि हमारा शुद्ध मुनाफा लगभग 11% बढ़ा है| यह बढ़त उल्लेखनीय है और इसके बारे में बताने के लिए, हमें यह याद रखना चाहिए कि एक वर्ष पहले भी हमारी वृद्धि रिकॉर्ड अंकों में हुई थी| यह एक असाधारण उपलब्धि है जो स्पष्ट रूप से इंडियनऑयल की टीम को आने वाले वर्षों में काम करने के नए बेंचमार्क स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगी|
वर्ष 2021-22 की शुरुआत में ही देश ने कोविड-19 महामारी की भयानक दूसरी लहर देखी| भारत की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ् का बुनिादी ढांचा, वायरस के गंभीर परिणामें से प्रभावित हुआ| देश को उसकी पुरानी गति पर वापस लाने के लिए भारत सरकार ने कई प्रेरणादाक और समन्वित कोशिशें की| मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आपकी कंपनी ने अर्थव्वस्था और नागरिकों पर दबाव कम करने में सरकार की पहल के साथ मिलकर काम करने के लिए कॉर्पोरेट भारत की कोशिशों का नेतृत्त्व किया| देश में तरल मेडिकल-ऑक्सीजन की की आपूर्ति बेहतर से लेकर चिकित्सा के बुनिादी ढांचे को मज़बूत करने तक, इंडियनऑयल की टीम ने सरकार के मिशन को पूरा करने में हर तरह से मदद की|
हमेशा की तरह, सैकड़ों मुश्किलों के बीच भी उनका मानवी पहलू जगमगाता रहा| ‘स्वंय से पहले राष्ट्र’, हमारे डीएनए में है| इसका एक और उदाहरण तब देखने को मिला, जब हमने अपने पेट्रोकेमिकल प्लांट से व्यवसाकि ऑक्सीजन के उत्पादन को मेडिकल-ऑक्सीजन में बदल दिया ताकि अस्पतालों की मदद की जा सके| हमारे प्रयासों को हर जगह सराहा गया| इससे हमें बहुत संतुष्टि मिली| इससे भी जरूरी बात यह कि इस दौरान हमने अपने काम में कोई कोताही बरते बिना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और हमारे ऊर्जा सैनिकों (एनर्जी-सोल्जर्स) ने यह पक्का किया कि देश में दूर-दराज के इलाकों तक ईंधन पहुंचता रहे| हालांकि, इंडियनऑयल के हमारे कुछ कर्मचारी और फ्रंटलाइन एनर्जी वॉरियर, राष्ट्र की सेवा करते हुए खतरनाक वायरस से हार गए| मैं उनके योगदान के लिए उन्हें सलाम करता हूं| हमारे कोविड शहीदों के योगदान को कंपनी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा|
बेहतरीन तरीके से काम करने का मतलब अकसर यह होता है कि आप एक ऐसी टीम के साथ, एक ऐसे तरीके से काम कर रहे हैं, जो हर चुनौती से पार पाने में सक्षम है| और वह सबसे अच्छे नतीजों के लिए साथ मिलकर काम कर सकती है| इसी लिहाज से आपकी कंपनी ने उच्च पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लक्षयों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी| इन लक्षयों को लगातार पूरा करने के लिए महामारी के दौरान भी हर बाधा को पार किा| आपको यह जानकर खुशी होगी कि 2018-19 से इंडियनऑयल ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत, सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों (पीएसयू) के सयुक्त पूंजीगत व्यय में एक चौथाई से ज्यादा का योगदान दिया है| पिछले वर्ष कुछ नया नहीं हुआ, क्योंकि हमने सफलता की कहानी दोहराई और ₹ 29,347 करोड़ का लछ्य हासिल किया| यह मंत्रालय के कुल खर्चों का 28% से ज्यादा है|
हमारी भविष्य की विकास रणनीति के मूल तत्वों-ऱिफाइनरी का विस्तार करने और पेट्रोकेमिकल एकीकरण जैसे महत्त्वकांक्षी लछ्यों को पूरा करने में पूंजीगत व्यय मददगार रहा है| इंडियनऑयल ने कभी ऱिफाइनरी डिवीजन की इतनी बड़ी परियोजनाओं पर काम नहीं किया जिन पर अब किया जा रहा है| जैसा कि मैंने आपको लिखा कि इस समय ₹ 1 लाख करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं पर अलग-अलग चरणों में काम हो रहा है| इन बड़ी परियोजनाओं से आपकी कंपनी की मौजूदा समूह रिफाइनिंग क्षमता मौजूदा 80.55 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) से बढ़कर वर्ष 2024-25 तक अनुमानित तौर पर 107 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष हो जाएगी|
पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में भी हमारा सफर हर वर्ष नई ऊंचाइयां छू रहा है| वर्ष 2021-22 के दौरान, हमारा नेफ़्था उत्पादन 3.0 एमएमटीपीए तक बढ़ गया| यह हमारे निर्धारित लछ्य से लगभग 28% अधिक है| आपकी कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल कंपनी है, जिसकी क्षमता लगभग 3.2 एमएमटी है| गुजरात, बरौनी, पानीपत, और पारादीप ऱिफाइनरियों में कई परिोजनाएं चल रही हैं| इनके पूरे होने के साथ मौजूदा पेट्रोकेमिकल इंटेंसिटी इंडेक्स (पीआईआई), जो अभी लगभग 5% है, वह 2025 तक लगभग 7% हो जाएगा| वहीं 2030 तक ह 15% के करीब होगा|
पारादीप में मोनो एथिलीन ग्लाइकॉल (एमईजी) प्लांट, पानीपत में फेज-1 नेफ़्था क्रैकर-विस्तार परियोजना और गुजरात ऱिफाइनरी में लीनियर अल्काइल बेंजीन (एलएबी) की शुरुआत से आपकी कंपनी के मुनाफे को बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी| हम इन परिोजनाओं को समय पर पूरा करने और इनका अनुकूलतम इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं|
मुझे यह भी कहना होगा कि पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में हमारे सशक्त प्रयास इंडियनऑयल के विकास इंजन के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण साबित होने वाले हैं| जून 2021 में गुजरात सरकार के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हुए हस्ताक्षर इसकी पुष्टि करते हैं| इस समझौते के तहत गुजरात ऱिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल और ल्यूब इंटीग्रेशन (LuPech) प्रोजेक्ट और एक्रेलिक/ऑक्सो अल्कोहल प्रोजेक्ट बनाने पर दोनों पक्षों में सहमति बनी है|
हमारे पास भूमिगत पाइपलाइनों का लगभग 15,000 किलोमीटर का विशाल नेटवर्क है| यह 1,200 किलोमीटर लंबी पारादीप-हैदराबाद उत्पाद पाइपलाइन के पूरा होने के साथ ही और बढ़ने वाला है| बोर्ड ने पानीपत ऱिफाइनरी की क्रूड ऑयल की बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए 17.5 एमएमटीपीए की क्षमता वाली 1,033 किलोमीटर लंबी मुंद्रा-पानीपत क्रूड ऑयल पाइपलाइन की स्थापना के लिए भी मंजूरी दे दी है| इसकी क्षमता को 15 एमएमटीपीए से बढ़ाकर 25 एमएमटीपीए तक करना है| हमने दाहेज-कोयाली के लिए प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (106 किमी लंबी, 5 एमएमएससीएमडी क्षमता) भी चालू की है| यह पाइपलाइन, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के दाहेज टर्मिनल को वडोदरा में गुजरात ऱिफाइनरी से जोड़ती है| इससे पाइपलाइन प्रचालनों में इंडियनऑयल की आत्मनिर्भरता बढ़ी है|
बुनियादी ढांचागत निवेश में हम मुख्य रूप से दो क्षेत्रों पर धन केंद्रित कर रहे हैं - भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और हमारे बेशकीमती ग्राहकों को लगातार खुश रखना| हमने ग्राहक-केंद्रित गतिविधियों को बढ़ाते हुए, मई 2021 में XP95 को लॉन्च किया| यह ब्रांडेड ईंधन (95 ऑक्टेन स्पेसिफिकेशन के साथ) की श्रेणी में सबसे अच्छा है| यह सामान्य पेट्रोल की तुलना में न सिर्फ ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी है, बल्कि किफायती भी है| यह ईंधन देश भर में (जुलाई 2022 तक) 7,805 फ्यूल-स्टेशनों पर उपलब्ध है| हमने जुलाई 2021 में एक्स्ट्राग्रीन डीज़ल भी लॉन्च किया और जुलाई 2022 के आखिर तक कम उत्सर्जन वाला ईंधन पूरे भारत में 1,078 फ्यूल-स्टेशनों पर बेचा जा रहा है| इस तरह के नए उत्पाद प्रमाण हैं कि इंडियनऑयल ग्राहकों के हर वर्ग की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए सबसे अच्छे उत्पाद प्रदान करती है|
इससे भी जरूरी यह है कि हम कई ऐसी चीजों की शुरुआत कर रहे हैं, जो हमारी ग्राहक-सेवा में और तेजी ला रहे हैं| ऐसा ही एक उदाहरण है ‘इंडेन तत्काल सेवा’| यह सेवा जनवरी-२०२२ में शुरू की गई थी| इसके तहत,मामूली शुल्क देकर बुकिंग करते ही ग्राहक को गारंटी के साथ दो घंटे के अंदर एलपीजी सिलेंडर पहुंचाा जाता है| यह सुविधा हैदराबाद में शुरू की गई है| इसे जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा| इस पहल का एक और हिस्सा है, ‘इंडेन फैमिली कनेक्ट’| इसमें ग्राहक पूरे भारत में परिवार के सदस्यों या दोस्तों की ओर से रिफिल सिलेंडर बुक कर सकते हैं| इससे पहले, इंडेयन रिफिल डिलीवरी के साथ ही नया कनेक्शन पाने के लिए जनवरी-2021 में 'मिस्ड कॉल’ सुविधा शुरू की गई थी| इससे यह प्रक्रिया काफी सुगम हो गई है| मैं आपकी कंपनी की एक और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में बताना चाहता हूं| इंडियनऑयल ने 31 मार्च, 2022 की निर्धारित तारीख से पहले ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 के तहत 50 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी कर दिए हैं|
इन उपलब्धिों के बीच, ईंधन की खुदरा बिक्री अब भी हमारा मुख्य क्षेत्र बना हुआ है| साथ ही, हम नेटवर्क विस्तार और हर पंप से बढ़ा हुआ मुनाफा कमाने, दोनों के जरिए बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं| हमने 2021-22 के दौरान 2,521 ईंधन स्टेशनों को चालू किया है| इसमें किसान सेवा केंद्र को जोड़ लिया जाए तो इन स्टेशनों की कुल संख्या 34,559 हो गई है| भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा राजमार्गों के किनारे मिलने वाली सुविधाओं (डब्ल्यूएसए) के लिए आमांत्रित निविदा (बिड) में, इंडियनऑयल ने हरियाली भरे और महत्त्वपूर्ण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए 20 में से 10 स्थानों की बिड हासिल की| इससे प्रमुख मार्गों पर अपनी कंपनी की उपस्थिति मजबूत हुई है|
मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने ग्राहकों को लगातार अच्छे अनुभव देने के लिए डिजिटल दुनिा में भी मजबूती से कदम बढ़ाए हैं| ऐसा एक उत्कृष्ट उदाहरण है, IndianOil XTRAREWARDS – Google Pay का खुदरा सहयोग| इसे सितंबर 2021 में शुरू किया गया था| इस योजना ने हमें सक्षम बनाया है कि हम GPay के ग्राहकों को अपने भरोसेमंद कार्यक्रमों के साथ जोड़ सकें| साथ ही ब्रांड में अपने खुदरा ग्राहकों का भरोसा बढ़ा सकें|
मैं यह भी बड़े उत्साह से आपसे साझा कर रहा हूं कि हमारी टीमें इस क्षेत्र मे बेहतरीन काम करते हुए नए मानक स्थापित कर रही हैं| इस विजन को आगे बढ़ाते हुए, हमने ‘ग्रीन कॉम्बो ल्यूब वाला अलग डीज़ल’ पेश किया है| यह कम उत्सर्जन के साथ बेहतर ईंधन देता है| इंडियनऑयल ने भारतीय सेना के साथ लो-सल्फर लो-एरोमैटिक केरोसिन का परीक्षण भी शुरू कर दिया है| हमने खुदरा बाज़ार के लिए लेह और कारगिल से ठंड में इस्तेमाल होने वाला सामान् डीज़ल भिजवाना भी शुरू किया है| मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मार्च 2022 में लक्षद्वीप में कवरत्ती और मिनिकॉय में हमारे पुनर्निर्मित भंडारण डिपो और ईंधन स्टेशनों का उद्घाटन किया गया है| द्वीपों में ईंधन की आपूर्ति करने वाली इंडियनऑयल एकमात्र कंपनी है, जिसने उस भरोसे को कयम रखा, जो सरकार और आम लोगों ने उस पर दिखाया है|
इंडियनऑयल अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने इस वर्ष 10 मार्च, 2022 को अपनी स्वर्ण जयंती मनाई| इस लिहाज से उसके लिए यह वर्ष बहुत खास रहा| बीते 50 सालों के अपने सफर के दौरान, अनुसंधान एवं विकास केंद्र ने नई खोजों और बेहतरीन कामो के कई मानक स्थापित किए हैं| इनसे इंडियनऑयल के काम और भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की पूरी स्थिति बदली है| इसी को ध्यान में रखते हुए विज्ञान भवन में 22 मर्च 2022 को अनुसंधान एवं विकास केंद्र का स्वर्ण जयंती समारोह आोजित किया गया| इस मौके पर हुए भव्य कार्यकर्म में हमने अनूठा उत्पाद- ‘सूर्य नूतन’ सोलर कुकटॉप लॉन्च किया| इसके साथ हमारी कारोबारी रणनीतिां और राष्ट्री प्राथिमकताएं एक साथ पूरी हो रही हैं| खाना पकाने का यह उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल, कम लागत वाला, और जनता के लिए बहुत किमती साबित हो सकता है| हमने इसका पेटेंट भी हासिल किया है|
हम नए अवसरों को तलाशने के लिए विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश भी कर रहे हैं| इस साझेदारी में सबसे अहम है, हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल)| उसके साथ हमने गोरखपुर, बरौनी, और सिंदरी में गैस आधारित तीन सूरिया उर्वरक संंत्र लगाने की तैयारी की है| इसके लिए अन्य सार्वजनिक उपक्रमो-जैसे कि एनटीपीसी लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड, द फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑ़फ इंडिया लिमिटेड, और हिंदुस्तान फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ भी हाथ मिलाया है|
ये संंयंत्र, हर वर्ष नीम के लेप वाली यूरिा का 38 लाख टन उत्पादन करके घरेलू उर्वरक उत्पादन क्षमता को बढ़ाएंगे| दिसंबर 2021, में माननी प्रधानमंत्री ने गोरखपुर संंयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया| बरौनी और सिंदरी में अन्य दो संंयंत्र भी जल्द ही पूरे हो जाएंगे|
आज ऊर्जा क्षेत्र का सार है-पर्यावरण की सुरक्षा| ग्लोबल वार्मिंग, बर्फ के पिघलते ग्लेशिर, महासागर धारा में परिवर्तन, फसल को नष्ट करने वाली गर्मी , ये तमाम बातें कल की चिंताओं के मुकाबले आज की वास्तविकता बन चुकी हैं| इनकी भयावहता बढ़ रही है| र्पावरण की चिंता हमारे भविष्य को नहीं, बल्कि वर्तमान को प्रभावित कर रही है| इसी कारण वैश्विक ऊर्जा-क्षेत्र में अब हरित-ऊर्जा सबसे उच्च प्राथिमकता पर है| इस लिहाज से जहां तक हमारी भविष्य की प्राथमिकताओं का सवाल है, तो भारत ने 2070 तक कार्बन-उत्सर्जन शून्य करने का जो लछ्य रखा है, वही हमारी प्रेरक-शक्ति है|
शून्य कार्बन-उत्सर्जन लछ्य को हासिल करने के लिए भारत सरकार ने हरित हाइड्रोजन और अमोनिया नीति की घोषणा की है| इसके तहत 2030 तक हरित हाइड्रोजन उत्पादन को 5 एमएमटी तक बढ़ाने और भारत को इस स्वच्छ ईंधन का निर्यात केंद्र बनाने का लछ्य है| आपकी कंपनी आने वाले समय में इस नीति के अनुरूप ‘भारत की ऊर्जा’ के रूप में अपनी गतिविधियां संचालित करेगी| ताकि नई ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की पहल, उसकी यात्रा को मज़बूती दी जा सके|
राष्ट्रीय प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए इंडियनऑयल मथुरा और पानीपत की रिफाइनरियों में अलग-अलग चरणों में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा| पहले चरण में हम मथुरा ऱिफाइनरी में 5 केटीए (40 मेंगावाट) का हरित हाइड्रोजन संंयंत्र लगाएंगे| साथ ही, पानीपत ऱिफाइनरी में 2 केटीए (16 मेगावाट) का संंयंत्र लगाया जाएगा| पूरी हाइड्रोजन मुल्य श्रृंखला के साथ तालमेल बिठाने के लिए, इंडियनऑयल ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन की परिसंपत्तियों, संबंधित नवीकरणी परिसंपत्तियों को विकसित करने, और इलेक्ट्रोलाइज़र बनाने के लिए जरूरी सहोग किया है| यह एक बहुत बड़ा बदलाव साबित होगा, क्यूंकि हरित हाइड्रोजन की कुल लागत में इलेक्ट्रोलाइज़र का योगदान लगभग 30% है| भारत सरकार की नीतियों की वजह से, हम हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत में कमी के साथ ही, इलेक्ट्रोलाइज़र बाज़ार और नवीकरणी ऊर्जा में मजबूत पकड़ की उम्मीद कर रहे हैं| आपकी कंपनी हाइड्रोजन उत्पादन के कई तरीकों पर काम कर रही है| इसमें सौर इलेक्ट्रोलिसिस, बायोमास गैसीफिकेशन, और बायो-मिथेनेशन भी शामिल है| बनाई गई हाइड्रोजन का इस्तेमाल 15 फ्यूल सेल बसों के ईंधन के लिए किया जाएगा| ताकि फ्यूल सेल तकनीक और हाइड्रोजन उत्पादन प्रक्रियाओं के प्रभाव, दक्षता, और स्थिरता को बनाया व बढ़ाया जा सके| इसके अलावा, हम हाइड्रोजन आधारित मोबिलिटी कवरेज को बढ़ाने के लिए गुजरात ऱिफाइनरी में हाइड्रोजन देने वाला एक स्टेशन शुरू करेंगे|
मैं दोहराना चाहता हूं कि आपकी कंपनी भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में पहले से ही सबसे आगे है| यहां तक कि आगे आने वाले वर्षों में भी यह अपने इस अग्राणी स्थान को बनाए रखेगी| सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) निविदा प्रकिया के 11वें दौर में हमारा आक्रामक रुख इस संकल्प को दर्शाता है| इस प्रक्रिया में हमने देश के 26 ज़िलों को कवर करते हुए बेहतर बाजार वाले 9 संभावित भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) को हासिल किया है| इंडियनऑयल, अपनी सुंक्त उद्यम कंपनियों के साथ अब 39 भौगोलिक क्षेत्रों में मौजूद है| अब हम भारतीय सीजीडी बाज़ार में एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित होने के लिए तैयार हैं|
हमने बायो-एनर्जी और नवीकरणयी ऊर्जा पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है| सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) की महत्त्वाकांक्षी सतत (SATAT ) योजना के तहत, इंडियनऑयल ने जुलाई 2022 तक 2,374 से ज्यादा आशय पत्र (एलओआई) दिए हैं| साथ ही, अब यह देश के 9 राज्यों में फैले 31 ईंधन स्टेशनों के माध्यम से 18 संंयंत्रों से सीबीजी की मार्केटिंग कर रही है|
मैं इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर भी बात करना चाहता हूं, जो दुनिया भर में मोबिलिटी इकोसिस्टम में एक अच्छा परिवर्तन ला सकते हैं| हमने अगले तीन वर्षों में 10 ,000 फ्यूल स्टेशनों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन (ईवीसीएस) देने का लछ्य रखा है| एक रणनीतिक पहल के रूप में आपकी कंपनी हवाईअड्डों और पर्यटन स्थलों की सार्वजनिक पार्किंग वाली जगहों पर ईवीसीएस स्थापित कर रही है|
आपकी कंपनी बैटरी विकास क्षेत्र में भी नई तकनीकों की खोज कर रही है| इंडियनऑयल और इज़रायली प्रौद्योगिकी कंपनी, फिनर्जी का सुंक्त उद्यम (जेवी), भारत में एलूमीनियम-एयर टेक्नोलॉजी बनाने और उसके व्यावसायीकरण पर काम कर रहा है| इसे आगे बढ़ाते हुए, हाल ही में आईओसी फिनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, (आईओपी), भारत की प्रमुख एलूमीनियम उत्पादक हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, और फिनर्जी लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षी समझौता किया गया है| इसके तहत अनुसंधान एवं विकास और बैटरिवों के लिए एलूमीनियम प्लेटों का प्रायोगिक उत्पादन और इन बैटरियों को इस्तेमाल करने के बाद एलूमीनियम के दोबारा इस्तेमाल की व्यवस्था को साकार किया जा सका है|
आपकी कंपनी अपनी रिफाइनरियों में पर्यावरण को ध्यान में रखकर काम करने की पहल पर ज़ोर दे रही है| इसलिए इंडिनऑल की रिफाइनरियों की आगे आने वाली परिोजनाओं के लिए बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सुंक्त उद्यम कंपनी बनाने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं|
एक अन्य जरूरी कदम के तौर पर, इंडियनऑयल और प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सीबीजी, सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (एसएएफ), बायोडीज़ल, इथेनॉल और जैव ईंधन आदि के क्षेत्र में व्यवस्य के अवसर तलाशने की पहल की है| इस पर साथ काम करने के लिए 20 अक्टूबर, 2021 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं| इसी के तहत भारत में एक सुंक्त उद्यम कंपनी भी बनाई गई है|
मेरे लिए यह बताना जरूरी है कि र्पावरण और सतत विकास पर हमारा ध्यान व्यवसय से जुड़ी गतिविधिों से भी बहुत आगे है| बेतहाशा दोहन, बेइंतहा शिकार, और अपर्याप्त सुरक्षा कानूनों की वजह से, चीता सात दशक पहले भारत में विलुप्त होने की कगार पर आ गया था| चीता को भारत में उसके प्राकृतिक परिवेश में फिर लाने के लिए, इंडियनऑयल एक ऐतिहासिक परिोजना शुरू करने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण एजेंसी (एनटीसीए) के साथ मिलकर काम कर रहा है| इस अनूठी परिोजना में मध्ये प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को दक्षिण अफ्रीका और नामिबिया से लाकर बसाा जाएगा| आपकी कंपनी इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए एनटीसीए के साथ काम कर रही है| इस सोच के तहत, हमने अपने शुभंकर (मैस्कट) के रूप में ‘राइनो’ को अपनाया है| यह भारत की जैव विविधता की रक्षा करने की इंडियनऑयल की प्रतिबद्धता के अनुरूप है|
इंडियनऑयल भारत में सबसे बड़े ग्राहक इंटरफेस वाले ब्रांडो में से एक है| कॉर्पोरेट नेतृत्व आपकी कंपनी के लिए कोई व्यावसायिक बाध्यता नहीं है, बल्कि यह आपकी कंपनी को लगातार उत्कृष्ट बनाए रखने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है| मुझे दलाई लामा की बात याद आ रही है, जब उन्होंने कहा था कि ‘अधिक सहानुभूति वाला मन और दूसरों की भलाई के लिए अधिक चिंता की भावना ही खुशी का मूल स्रोत है‘|
पिछले तीन वर्षों में हमने कौशल और शिक्षा, स्वास्थ् सेवा, और पर्यावरण व सतत विकास जैसे क्षेत्रों पर काम करने वाली परिोजनाओं में मदद की है| जहां तक कॉर्पोरेट इंडिया की पहल का संबंध है, तो इंडियनऑयल इसमे भी सबसे आगे रहा है| आपकी कंपनी ‘कुशल-भारत’ क्रंक्रांति का संचालन कर रही है| हमने 20 अगस्त, 2021 को एक बड़ा कदम उठाया, जब इंडियन ऑयल द्वारा संचालित कौशल विकास संस्थान, भुवनेश्वर के स्थायी परिसर का उद्घाटन किया गया|
स्वास्थ्य सेवा की बात करें, तो कैंसर के इलाज का क्षेत्र हमारे प्रमुख क्षेत्रों में से एक रहा है| हम अगले तीन से पांच वर्षों में भारत में कैंसर के इलाज के बुनिादी ढांचे को मज़बूत करने में अहम योगदान देंगे| हाल ही में आपकी कंपनी ने कोलकाता में टाटा मेंडिकल सेंटर के दूसरे चरण के विस्तार में सहोग दिया है| इसके अलावा, हम भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु को उनके आगामी चिकित्सा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के लिए भी मदद देने की योजना बना रहे हैं| इसमे कैंसर विज्ञान से जुड़ी शाखा भी शामिल होगी|
तपेदिक (टीबी) की बीमारी आज भी भारत की सबसे गंभीर स्वास्थ् चुनौतियों में से एक है| राष्ट्रीय स्तर पर इस चुनौती की जटिलता को ध्यान में रखते हुए, इंडिय नऑयल ने उत्तर प्रदेश के 75 और पंजाब के 23 ज़िलों में से हर ज़िले में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में मदद करने का फैसला किया है| कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अगले तीन वर्षों तक हर वर्ष उत्तर प्रदेश और पंजाब की पूरी आबादी की स्क्रीनिंग और जांच करना है| ताकि भारत से 2025 तक इस बीमारी को खतम करने में मदद मिल सके|
भारत में खेलों की स्थिति को बेहतर करने के लिए इंडियनऑयल ने हमेशा आगे बढ़कर मदद की है| आपको याद होगा कि इंडियनऑयल के उल्लेखनीय खेल योगदान को 2021 में शीर्ष स्तर पर सराहा गया था| आपकी कंपनी को उस वर्ष के ‘राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था| आपकी कंपनी की ओर से, पिछले वर्ष नवंबर में राष्ट्रपति भवन में भारत के माननी राष्ट्रपति से पुरस्कार स्वीकार करना मेरे लिए सम्मान की बात रही| ‘खेलों को बढ़ावा देने वाले सर्वश्रेष्ठ पीएसयू’ की श्रेणी के तहत इंडिनऑल को ‘स्पोर्टस्टार ऐसेस अवॉर्ड, 2022’ भी मिला| इस तरह की प्रशंसा और सम्मान मिलने से भारतीय खेलों को नई ऊंचाइों तक ले जाने के हमारे संकल्प को और मज़बूती मिलती है| खेलों को बढ़ावा देने की बात करें तो, इंडियनऑयल ने अंतरराष्ट्री महिला दिवस, 2022 पर इंडियनऑयल परिवार में नौ महिला हॉकी खिलाड़िों को शामिल किया| यह एक अहम मौका था, क्यूंकि इंडियनऑयल वह पहली भारतीय कंपनी है, जिसके पास पूरी तरह तैयार महिला हॉकी टीम है| इंडियनऑयल, प्रतिभाशाली युवा महिला एथलीटों की बड़े पैमाने पर मदद करने के लिए युवा कार्येक्रम और खेल मंत्राल के एक अनोखे कार्येक्रम, ‘इंडियनऑयल शक्ति’ के लिए भी सहोग करेगी|
इससे भी जरूरी बात ह है कि हमने समाज के सबसे पिछड़े वर्गों तक पहुंचने के लिए खेलों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है| देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, 15 अगस्त, 2021 को इंडियनऑयल ने खेलों के शक्तिशाली माध्यम के जरिए मौलिक सामाजिक बदलाव लाने के लिए, ‘परिवर्तन-प्रिज़न टू प्राइड’ नाम के एक अनोखे कार्यक्रम की शुरुआत की| इस योजना के तहत, इंडियनऑयल के खिलाड़ियों ने बाहरी कोचों के साथ मिलकर जेल के कैदियों को खेलों के प्रति अपनी रुचि जगाने के लिए प्रोत्साहित किया| यह अभियान हमारी मूलभूत सोच, ‘संरक्षण’ का एक बेहतरीन उदाहरण रहा| इससे अब तक देश भर की 37 जेलों के 1,750 से ज्यादा कैदिों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सका है| यह कार्यक्रम बहुत संतोषजनक रहा है| इसने आने वाले दिनों में इस तरह के और कार्यकर्मो को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को मज़बूती दी है|
यह तय है कि आने वाले वर्षों में ऊर्जा से जुड़ी हमारी ज़रूरतें और बढ़ेंगी| ऐसे में इस ज़रूरत और देश में ऊर्जा की उपलब्धता में कमी के बीच के अंतर को समान रूप और कुशलता से पाटना जरूरी है| इसलिए, कम से कम अगले दो से तीन दशकों तक तेल और गैस, आपकी कंपनी के संचालन का मुख्य आधार बना रहेगा| हमारा यह मुख्य कारोबार आपकी कंपनी का भविष् बनाने में एक निर्णाक भूमिका निभाता रहेगा| इंडियनऑयल की टीम दो जरूरी चीजों-सेवा की गुणवत्ता और हमारे पेश किए जा रहे उत्पादों की पहुंच एवं कुशलता पर ध्यान केंद्रित कर बाजार के लीडर के तौर पर अपनी पकड़ को और मज़बूत करने के लिए ढृढ़ संकल्पित है| जैसा कि मैने पहले ही बताया कि आपकी कंपनी अपने पारंपरिक कारोबार में बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा से निपटने के साथ-साथ ऊर्जा की मांग को पूरा करने को भी तैयार है|
इंडियनऑयल बेहतरीन भविष्य की ओर बढ़ रही है| हमारे पास शक्तिशाली टीम ,बड़े संसाधन, अनुसंधान एवं विकास कौशल, प्रचालन और मार्केटिंग का बेहतरीन नेटवर्क, और मज़बूत वित्ती स्थिति सब कुछ है|
इंडियनऑयल में हमने हमेशा मुनाफे से ऊपर मूल्ये और कॉर्पोरेट लाभ से ऊपर देश को रखा है| इससे भी जरूरी बात यह है कि एक सार्वजनिक उद्यम के रूप में हमारी प्राथिमकताओं के नज़रिये से हमारा काम हमारे शब्दों की तुलना में अधिक प्रभावशाली है| यह व्यवसाय के दायरे से बहुत आगे की बात है| आपकी कंपनी, कारोबार से जुड़े हर का’ को स्वतंत्र, निष्पक्ष, और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है| हमारे सबसे अहम मुल्य हैं- ‘संरक्षण, नव परिवर्तन, लगाव, और विश्वास’| मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमें आगे भी इन्हीं मूल्यों से मार्गदर्शन मिलता रहेगा|
एक बार फिर, आपके निरंतर सहोग के लिए आभार| ही साथ, ही सहोग आपकी कंपनी की सबसे बड़ी ताकत है| इस वजह से हमेशा ही इंडियनऑयल को और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है| हम एक ऐसे राष्ट्र और विश्व के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां सुख और शांति का निवास हो| जैसा कि महान नेता नेल्सन मंडेला ने कहा था, ‘जिंदगी में सिर्फ यह मायने नहीं रखता कि हमें जीवन मिला| ज़रूरी यह है कि हमने अपनी जिंदगी में जो काम किए, उससे दूसरों के जीवन पर क्या असर पड़ा|”
स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!
हस्ता./-
अध्यक्ष