कंपनी का अनुसंधान एवं विकास केंद्र हमारी रणनीति और भविष्य में विकास की संभावनाओं के आधार के रूप में कार्य करता है| यह साल कई उपलब्धियों का साल भी रहा है| कई नवाचार, प्रयोगशाला में बिताए अनगिनत घंटे और संभावनाओं की शक्ति में अटूट विश्वास हमें विकास के लिए प्रेरित करता है|
महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, हमने कई मायनों में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं| इंडियनऑयल के इतिहास ने इस साल सबसे अधिक 225 पेटेंट दायर किए गए| इनमें से 155 पेटेंट स्वीकृत हुए हैं| 31 मार्च, 2022 तक हमारे पास 1,410 प्रभावी पेटेंट के साथ 1,519 पेटेंट का पोर्टफोलियो है, जो 2017-18 की तुलना में दोगुना है|
हमारे अनुसंधान एवं विकास का फ़ोकस कंपनी की विशेषज्ञता के मुख्य क्षेत्रों के इर्द-गिर्द रहता है| इसमें ईंधन और लुब्रिकैन्ट्स, शोधन तकनीक, उत्प्रेरक, पेट्रोरसायन और पॉलिमर शामिल हैं| हम उभरते क्षेत्रों जैसे नैनो प्रौद्योगिकी, सौर, बायोएनर्जी, हाइड्रोजन, ईंधन सेल और ऊर्जा भंडारण में भी विविधता ला रहे हैं| हमारा उद्देश्य प्रभावी लागत, पर्यावरण और सामाजिक रूप से जिम्मेदार प्रौद्योगिकी समाधान विकसित करना है|
भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विश्वास के साथ हम कई लक्षित क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों और समाधानों का विकास कर रहे हैं| इसमें विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वर्चस्व वाले प्रतिस्पर्धी और लाइसेंस-निंत्रित क्षेत्र हैं|
हम नैनो प्रौद्योगिकी, सौर, जैव-ऊर्जा, हाइड्रोजन, ईंधन सेल और ऊर्जा भंडारण जैसे उभरते क्षेत्रों में भी विविधता ला रहे हैं|
एक्स्ट्राफ्लो स्वदेशी ड्रैग रिड्यूसिंग एडिटिव्स (डीआरए) तकनीक का सफलतापूर्वक व्यावसायीकरण किया, इससे लागत में काफी बचत हुई| कंपनी के अंदर विकसित डीआरए का कच्चे तेल के साथ-साथ वाणिज़्यिक उत्पादों के बराबर पाए जाने वाले उत्पाद में प्रदर्शन अच्छा रहा|
बीएस-VI डीज़ल के लिए हल्दिया रिफ़ाइनरी में 1.2 एमएमटीपीए ग्रासरूट इंडेडीजल्रु® यूनिट और बीएस--VI गैसोलीन उत्पादन के लिए गुवाहाटी रिफ़ाइनरी में 35 केटीए ग्रास-रूट इंडेडेप्ट जी यूनिट का निष्पादन गारंटी परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया|
पानीपत रिफ़ाइनरी मीटिंग आईएस 1460-17 और आर्मी ग्रेड डीएचपीपी (विंटर ग्रेड) विनिर्देशों में शीतकालीन ग्रेड बीएस-VI डीज़ल को विकसित और उत्पादन करके देश के रक्षा बलों को सहोग दिया|
सर्वो प्राइड एक्सएल प्लस 5डब्ल्यू-40 को के9 वज्र हाई एल्टीट्यूड एप्लिकेशन (आर्टिलरी गन्स - इंजन एटीयू और फाइनल ड्राइव यूनिट्स) के लिए मंजूरी दी गई है| वहीं, सर्वोसिंको ई46 को आयुध फैक्ट्री, मेडक (तेलंगाना) द्वारा इंगरसोल रैंड मेक कंप्रेसर इन हल मशीन शॉप से मंजूरी मिली है|
ग्राहकों की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ आयात विकल्प के रूप में काम करने वाले, लंबे समय तक चलने वाले, ऊर्जाक्षम लूब्रिकैंट और ग्रीस विकसित करने के क्रम में, 135 ल्यूब्रिकैन्ट फॉर्मुलेशन जारी किए हए और 68 के लिए प्रमुख वैश्विक मूल उपकरण विनिर्मिताओं (ओईएम) से मंजूरियां हासिल की गईं|
बीएस-VI वाहनों में विशेष घर्षण और ऑक्सीकरण गुणों के साथ मात्री कारों के लिए ‘सर्वो ग्रीनमइल 5W-30’ और कमर्शियल वाहनों के लिए ‘सर्वो रफ्तार 15W-40’ जैसे पर्यावरण के अनुकूल इंजन तेल विकसित किए|
मेसर्स विरिडिस केमिकल्स के सहोग से 'मिश्रित धातु ऑक्साइड’ आइसोमेंराज़ेशन उत्प्रेरक की एक नई शैली विकसित की गई है| इसे 2023 में बोंगाईगांव रिफ़ाइनरी में प्रदर्शित करने की योजना बनाई गई है|
कंपनी ने ऊंचे ऑपरेटिंग तापमान पर एपीआई एसएम, एसएन और सीजे-4 प्रदर्शन स्तरों के इंजन तेलों के ऑक्सीकरण स्थिरता के आकलन के लिए एक उच्च तापमान ऑक्सीकरण स्थिरता परीक्षण विकसित किया है|
हमारे पाइपलाइन डिवीजन के लिए मैग्नेटिक फ्लक्स लीकेज (एमएमएल) तकनीक पर आधारित एक इन-हाउस 28-इंच इनलाइन इंस्पेक्शन टूल (आईपीआईजी) विकसित किया|
‘इंडियनऑयल एक्स्ट्रागार्ड’ विकसितऔर लॉन्च किया गया - हाइड्रोजेल में बिखरे चांदी के नैनो कणों के साथ सतह कीटाणुनाशक स्प्रे| अपनी तरह का पहला नैनो-आधारित स्वास्थ्य सेवा पेटेंट उत्पाद है|
हम अपनी डिजिटल रूपांतरण मात्रा में निरंतर प्रगति कर रहे हैं| समीक्षाधीन वर्ष के दौरान, हमारे प्रोजेक्ट एपिक-ग्राहकों के लिए ई-प्लैटफार्म का शुभारंभ एक बहुत बड़ा बदलाव साबित हुआ है| हमने एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया है जो अलग-अलग व्यापारों के अंतिम ग्राहक को भी एक छत के नीचे लाता है| इससे हमें अपनी प्रक्रिओं की समग्र दक्षता बढ़ाने और केवाईसी, मल्टी-चैनल एलपीजी रिफिल बुकिंग, भुगतान, चालान और लॉयल्टी कार्यक्रम प्रबंधन जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं के ऑटोमेशन से सभी स्टेकहोल्डरों के लिए अधिकतम मूल्य सृजित करने में मदद मिली है|
हमने भारत सरकार की ग्राहक केंद्रित योजनाओं जैसे पीएमयूवाई 2.0 और पीएमजीकेवाई शुरू करने के लिए एक इंटरफेस भी उपलब्ध कराया है| इसके अतिरिक्त, हमने वर्ष के दौरान पचास हजार से अधिक ग्राहकों को जोड़ते हुए सीजीडी व्यवसाय में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एसएपी एस/4 हाना (आईएस-यूटिलिटी) का उपोग किया|
वर्ष के दौरान, हमने पेपरलेस कार्यालयों, वेंडर इनवॉयस प्रबंधन और दस्तावेज प्रबंधन प्रणाली जैसे उपायों के क्रियान्वयन के माध्यम से अपने परिचालनों के डिजिटलीकरण की दिशा में काम करना जारी रखा है| हमने महामारी जनित चुनौतियों का समाधान करने और देशभर में ग्राहकों को उत्पादों और सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपने एंटरप्राइज-वाइड यूनिफाइड डिजिटल बिजनेस इकोसिस्टम को भी सुदृढ़ किया है| नई तकनीकों और प्लैटफार्मों को क्रियान्वित करने के साथ-साथ, हमने सुदृढ़ डेटा गोपनीता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने आईटी सुरक्षा उपायों को भी मजबूत किया है|
हमने भुगतान और लॉयल्टी के साथ वास्तविक बिक्री में पारदर्शिता प्रदान करने के लिए प्रमुख खुदरा दुकानों (रिटेल आउटलेट्स) पर एक एकीकृत लेनदेन प्रसंस्करण सर्वर (आईटीपीएस) समाधान भी शुरू किया है| यह ई-रसीदों की डिलीवरी सुनिश्चित करता है, सेवा रेटिंग देने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करता है और सहज तरीके से लेनदेन के एवज में लॉयल्टी अंकों (XTRAREWARDS अंक) का अर्जन सुनिश्चित करता है|
वर्ष के दौरान, एक अन्य ऐतिहासिक परियोजना - एंड-टू-एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सूट (E2EPMS) - शुरू की गई| यह व्यापक परियोजना प्रबंधन और निगरानी क्षमताओं के साथ एक डिजिटल डैशबोर्ड है जो हर तरह की परियोजनाओं के लाइफ साइकल को ट्रैक करने में मददगार है| इसके जरिए सभी संबंधित स्टेकहोल्डर परिोजना में प्रगति की जानकारी आसान तथा चलते-फिरते तरीके से हासिल कर सकते हैं और परिोजनाओं की अद्यतित गतिशील स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है|
सीजीडी ग्राहक डेटा एकीकृत किया गया अपने सिस्टम में, एसएपी एस 4 हाना (आईएस-यू टिलिटीज) के माध्यम से
रिटेल आउटलेट आईटीपीएस समाधान वाले
डिजिटल प्रौद्योगिकियों में तेजी से प्रगति के साथ, मार्केटिंग प्रभाग के गुणवत्ता निंत्रण ने चरणबद्ध तरीके से सभी लैब को स्मार्ट लैब में बदलने की पहल की है| इस उन्नन से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होने की आशा है:
मार्केटिंग लैब को स्मार्ट लैब में तब्दील किया गया 2021-22 में
कुल स्मार्ट लैब रहीं, 31मार्च, 2022 की स्थिति के अनुसार
इंडियनऑयल फरीदाबाद में दूसरी अनुसंधान एवं विकास इकाई के लिए इंडियनऑयल प्रौद्योगिकी विकास और परिनियोजन केंद्र स्थापित कर रहा है| इसका उद्देश् कंपनी को और अधिक विस्तार देना और एक एकीकृत ऊर्जा प्रमुख के रूप में बदलाव को सुविधाजनक बनाना है| यह GRIHA-5-स्टार रेटिंग वाली और LEED प्लैटिनम मानकों का अनुपालन करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी निवल-शून्य (बिजली और पानी) इकाई होगी| इसमें वैकल्पिक और नवीकरणीय ऊर्जा, नेनोटेक्नोलॉजी और सिंथेटिक बायोलॉजी तथा संक्षारण अनुसंधान के क्षेत्रों में उत्कृष्टता के कई नए अनुसंधान केंद्र शामिल हैं| इसके2023-24 में चालू होने की उम्मीद है|
आगे हम एक पूर्ण डिजिटल व्यापार इकोसिस्टम बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे जो सुविधाजनक, ऊर्जाक्षम, स्वचालित, वितरण-केंद्रित और पूरी तरह सुरक्षित होगा| इस इकोसिस्टम में गैर-खुदरा उत्पादों और सेवाओं सहित एक पूर्ण विकसित ई-कॉमर्स पोर्टल शामिल होंगे, जहां सभी प्रकार के व्यवसायो को एकीकृत किया जा सकेगा और सभी स्टेकहोल्डरों को एकीकृत और निर्बाध अनुभव मिल सकेगा|
आईएसओ 17025 मान्यता दुनिायाभर में प्रयोगशालाओं के परिक्षण और अंशशोधन (केलिब्रशन) लिए सबसे महत्त्वपूर्ण मानकों में से एक है| इसके अतिरिक्त, किसी भी प्रोगशाला द्वारा जारी किए गए परीक्षण परिणामो की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य है| मार्केटिंग प्रभाग में 51 गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं परीक्षण अनुशासन के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक आईएसओ/आईईसी 17025: 2017 के अनुसार, राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रतन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं| जबकि 3 प्रयोगशालाएं ‘अंशशोधन अनुशासन’ के लिए एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त हैं|