हम तेल और गैस क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के पहले उपक्रम (पीएसयू) हैं, जिसने प्रतिभा दूरदर्शिता और रणनीति फ्रेमवर्क विकसित किया है| समीक्षाधीन वर्ष के दौरान, हमने ‘भविष्य के लिए कार्य थीम को रेखांकित करते हुए अगले तीन वर्षों के लिए यह फ्रेमवर्क बनाया है| हमारा विज़न है, ‘अपने लोगों और प्रतिभाओं को इस काबिल बनाना कि देश की ऊर्जा के अपने वादे को हम पूरा कर पाएं|’
हम ‘"DARE2’फ्रेमवर्क से संचालित हैं, जिसका अर्थ है - निर्णय प्रक्रीया में दक्षता का दर्शाना, व्यवस्थायोग्य कार्यबल तैयार करना, अनिश्चितता में भी अनुकूल रहना और निरंतर जुड़े रहते हुए लोगों को प्रोत्साहित करना| समानुभूति हमारा अहम मार्गदर्शी सिद्धांत है और इस फ्रेमवर्क की एक अनूठी बुनिाद भी है| हमने अपनी संस्कृति में इस फ्रेमवर्क को लागू करने के लिए विभिन्न पहलें जारी रखी हैं|
सामाजिक रूप से उत्तरदायी कॉर्पोरेट के रूप में रोजगार क्षमता के राष्ट्रीय कार्य में योगदान देना ओडिशा के मुख्य मंत्री द्वारा अगस्त में कौशल विकास संस्थान (एसडीआई), भुवनेश्वर देश को समर्पित किया गया| इस दौरान, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा आवास एवं शहरी मामलो के मंत्री, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा श्रम और रोजगार राज्य मंत्री; और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे|
एसडीआई का बुनयादी ढांचा इस प्रकार से बनाया गया है कि इसमें 1,200 से अधिक छात्रों तथा 200 से अधिक संकायों (फैकल्टी) और स्टाफ आसानी से आ सकते हैं| यहां कौशल प्रशिक्षण के लिए स्मार्ट कक्षाएं और कार्यशालाएं हैं, जो प्रतिभागियो की नियोजनीता अर्थात रोजगार पाने की उनकी क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित हैं| एसडीआई, भुवनेश्वर से 200 से अधिक छात्र पहले ही लाभ उठा चुके हैं, जो अगस्त 2021 तक एक पायलट कैम्पस से संचालित हो रहा था|
वर्ष के दौरान विभिन्न स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पहलें की गईं| इनमें मुख्य रूप से क्षमता सृजन और व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल रहे, जिनमें कंपनी की संपूर्ण गतिविधियों को कवर किया गया| इनमें प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:
अपने कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने और उनकी दक्षता में सुधार लाने तथा अपने आगामी उद्देशें को पूरा करने के क्रम में, इंडियनऑयल में हमने सर्वश्रेष्ठ वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप, जन प्रक्रिओं की एक तय व्यवस्था बनाई है| हमारी मानव संसाधन (एचआर) नीति एक समावेशी, संबद्ध, खुली और विविधतापूर्ण कार्य संस्कृति विकसित करने पर लक्षित है| ऐसी र्का संस्कृति जिसमें कर्मचारी अपने प्रोफेशनल और व्यक्तिगत जीवन में उन्नति कर सकें|
हम प्रौद्योगिकी की शक्ति का इस्तेमाल करते हैं, जो नीति के इष्टतम क्रियान्वयन के लिए नियंत्रण और संतुलन से लैस होती है| अपनी टीम का भरोसा, सम्मान और आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए प्रभावी शिकायत निवारण पद्धतियां भी अपनाई गई हैं|
Upholding human rights, creating employment and being an equal opportunity employer – these tenets are at the core of our policies and practices. Freedom of association, collective bargaining, Prevention of Sexual Harassment at Organisation (POSH), and the Whistle-Blower Policy are among the key HR policies followed by us. Human rights provisions are also considered in our acquisitions, mergers, and investment choices.
इंडियनऑयल का मानना है कि एकांगी कार्यस्थल की तुलना में, विविधतापूर्ण, इक्विटेबल और समावेशी कार्यस्थल अधिक नवाचार तथा अनुकूल परिवेश प्रदान करता है| इस प्रकार, कार्यबल क्षमता के समेकन के लिए और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए, हमने विविधता, समानता और समावेशी (डीई एंड आई) सूचकांक भी बनाया है और मेट्रिक्स के जरिए डीईआई प्रगति की निगरानी की जाती है|
इंडियनऑल डीईआई सूचकांक (गार्टनर समावेशी सूचकांक 2021 और समावेशन के मूल्यांकन के लिए मैकिंज़े की अवधारणा पर आधारित) की गणना हमारे वर्तमान कर्मचारी संबद्धता तथा संतोष सर्वेक्षण (प्रतिध्वनि) से 15 मदों का इस्तेमाल करते हुए की जाती है| अपने सभी कर्मचारियों से समान और निष्पक्ष व्यवहार, अंतरों का एकीकरण, निर्माण प्रक्रिया, मनोवैज्ञानिक सुरक्षा प्रदान करना, भरोसा, अपनेपन की भावना भरना, तथा सार्थक कार्य, डीई एंड आई सूचकांक के ये सात पहलू हैं| हम समावेशी र्का संस्कृति विकसित करने के लिए सदैव प्रासरत रहे हैं, जिससे एक दूरदर्शी नैतिक व्यवसाय के रूप में स्वस्थ्य और इक्विटेबल कार्यस्थल को बढ़ावा मिलता है|
महिला कर्मचारी
इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम महिला हॉकी टीम वाले पहले पीएसयू बन गए, जिसने नौ महिला हॉकी खिलाड़िों को मैदान में उतारा| हमने डबल्स बैडिमटंन खिलाड़ी सात्विक साई राज रनकिरेड्डी का भी इस टीम में स्वागत किया|
अपनी महिला कर्मचारियों की विशिष्ट जरूरतों को समझते हुए 1 जनवरी, 2022 से महिला कर्मचारियों द्वारा एक कैलेंडर वर्ष में ली जा सकने वाली अधिकतम बीमारी छुट्टियों की सँख्या (चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए बिना) 10 से बढ़ाकर 24 कर दी गई है|
महिला कर्मचारियों को दो वर्ष तक के अपने नवजातों और एक अटेंडेंट के साथ यात्रा करने की अनुमति है और कर्मचारी सहित उनकी यात्रा का व्यय कंपनी द्वारा वहन किया जाता है|
इंडियनऑयल का शिक्षण एवं विकास (एल ऐंड डी) विज़न, सभी स्तरों पर नेतृत्व तैयार करने के लिए है, जो देश के प्रति हमारी ऊर्जा प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए सत्निष्ठा, दृढ़ निश्च और स्पष्टता के साथ नेतृत्व करेंगे| हमारी प्राथिमकता समावेशी संस्था के रूप में आगे बढ़ने, क्षमतावान नेतृत्व और आवश्क कौशल को लाने तथा उन्हें बनाए रखने में निहित है|
हमारी नीतियों और व्यवहार में मानव संसाधन विकास पर जोर दिया जाता है, जो समाधानों के लिए परामर्शी और सहोगी दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करता है| हमने हर स्तर पर नेतृत्व क्षमताएं विकसित करने के लिए महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम विकसित करने में उल्लेखनी प्रगति की है| विभिन्न समूहों में कर्मचारियों को संस्था में उनकी भूमिका के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाया गया है|
वर्ष के दौरान की गई प्रमुख एल एंड डी पहलों में निम्नलिखित शामिल रहीं:
हमने शिक्षण प्रबंधन प्रणाली का सदुपयोग करते हुए हालिया रुझानों के अनुसार कार्यबल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अपने प्रयास जारी रखे| समीक्षाधीन वर्ष के दौरान, हमने अपनी ई-लर्निंग पहल स्वाध्याय को क्रियान्वित करते हुए इस क्षेत्र में प्रगति की| इस प्लैटफॉर्म के माध्यम से कर्मचारियों ने लगभग 1.5 मिलियन पाठ्यक्रम पूरे किए, जो हमारे लोगों में सीखने और आगे बढ़ने की ललक को दर्शाता है|
इंडियनऑयल ने अग्रणी ऑनलाइन स्व-गतिशील (सेल्फ-पेस्ड) में शिक्षण प्रणालियों में से एक, हार्वर्ड मैनेज मेंटोर के साथ मिलकर नेतृतव कौशल के विकास और उसे बनाए रखने की दिशा में काम किया| हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू और विश्व के अन्य ख्याति प्रबंध संस्थानों से विकसित सोच हमारे एचएमएम मॉड्यूल के लिए ईंधन का काम करती है| एचएमम का एक्सिस इच्छुक कार्यपालकों को दिया गया है, जो अपनी जरूरत के अनुसार समय पर और समुचित सही प्रकार के प्रशिक्षण का लाभ उठा पाएं|
का प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम चलाया गया कर्मचारियों के लिए
इंडियनऑयल में हम वैश्विक ऊर्जा रुझानों के हालिया घटनाक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं| इसके लिए हमने परिदृश्य नाम से एक कार्यक्रम क्रियान्वित किया है, जिसका उद्देश्य वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है|
क्षमता संवर्धन में अपनी विशेषज्ञता के क्षेत्र में ज्ञान का प्रसार करते हुए देश की सेवा करने के वृहत्तर उद्देश् को पूरा करने के क्रम में, इंडियनऑयल ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) तथा राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन अकादमी के जरिए क्रमशः विदेश मंत्राल और रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना शुरू किया है|
हम अपनी लोकशनों और यूनिटों में विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और उन्हें रिफ़ाइनिंग, मार्केटिंग, आदि जैसी डाउनस्ट्रीम तेल व्यवसाय की बारीकियों के बारे में प्रत्क्ष जानकारियां प्रदान कर रहे हैं| हमने रक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ टाइ-अप किया है और उन्हें अभसपरक रणनीतिक नेतृत्व इनपुट प्रदान कर रहे हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के नवगठित रक्षा उपक्रमो के लिए आवश्क हैं|
इंडियनऑयल में हमने, समावेशी र्का संस्कृति विकसित करने के क्रम में विभिन्न कर्मचारी योजक पहलों और कर्मचारी संतोष सर्वेक्षणों में निवेश करना जारी रखा| ऐसा कार्य परिवेश, जो हमारे कर्मचारियों को अपनी पूर्ण क्षमताएं हासिल करने में मददगार हो और जिसमें उनके फीडबैक पर अमल किया जाए और उनका समाधान किया जाए|
वर्ष के दौरान हमारी कर्मचारी योजक पहलों में से कुछ प्रमुख निम्नलिखित अनुसार रहीं:
इंडियनऑयल में हमने सीखने की प्रक्रिया का लोकतांत्रिकरण किया हुआ है और हम अपने सभी कर्मचारियों को समान शिक्षण अवसर प्रदान करते हैं| नए भर्ती किए कर्मचारियों की मेंटरिंग अधिकांश कंपनियों में की जाती है| लेकिन इंडियनऑयल में हमने इस प्रकिया को एक कदम आगे बढ़ा लिया है| हमने एक वपक मेंटरिंग फ्रेमवर्क बनाया है, जो सभी कर्मचारियों को एक-दूसरे के साथ जुड़कर, समान लक्ष्य प्राप्त कर और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सहयोग प्रदान करता है, फिर चाहे वे किसी भी ग्रेड, उम्र और स्थान पर क्यों न हों| अभिज्ञान सह-कार्यकरण और काम करते हुए सीखने के अवसरों को बढ़ाएगा और कंपनी में सर्वश्रेष्ठ पद्धतियो के आदान-प्रदान को सक्षम बनाएगा| साथ ही, कर्मचारियों को एक-दूसरे से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा, फिर चाहे वे अलग-अलग स्थानों पर ही क्यों न हों|
‘सृजन’ का सृजन, आज नवाचार की अहम भूमिका को ध्यान में रखते हुए किया गया है| इस प्रकोष्ठ में कंपनी के सभी प्रभागों के सदस्यों को शामिल किया गया है| यह प्रकोष्ठ एचआर की विकासात्मक गतिविधियों के सभी पहलुओं की पड़ताल करता है| सृजन द्वारा प्रौद्योगिकी उपायों के जरिए सरलता, रि-इंजीनिरिंग, इष्टतम उपयोग, मजबूत कर्मचारी संबंध विकास और संगठनात्मक विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए आंतरिक और बाहर की दुनिया में नियमित रूप से यह विश्लेषण किया जाता है कि संस्था में एचआर सेवाओं को कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है|